क्यों न प्रेममय हो दुनिया

14फरवरी को पूरी दुनिया प्रेम उत्सव में डूब जायेगी, लेकिन भारत में कई तथाकथित कट्टरवादी संगठनों ने युवा जोडों के खिलाफ अभियान छेड़ दिया है। एक तरह से फतवा जरी कर रहे हैं कि इस दिन वे घर से न निकलें, जैसे किसी प्रेम करना है या नही इन संगठनों से पूछकर करना पड़ेगा। हम क्या खायेंगे, क्या पियेंगे, क्या पहनेंगे, ये सब इनसे पूछकर करना पड़ेगा। प्रेम के इन पहरेदारों को कौन बताएं कि प्रेम कि कोई सरहद, कोई पहरा नहीं होते।

टिप्पणियाँ

गुरतुर गोठ ने कहा…
शंकर भाई, लिखना सरलग राखौ आप. बने लिखथव.

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