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  क्रिकेट का मिथक बन गए हैं सचिन शंकर चंद्राकर    क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर पर अब कुछ भी लिखना शायद सूरज को दीया दिखाने के समान है। फिर भी उनके बारे में जितना ज्यादा लिखो कम ही है। रिकार्डों का यह बादशाह अब उस ऊंचाई पर पहुंच चुका है कि उनका हरेक रन एक नए रिकार्ड को जन्म दे देता है। छोटे कद के इस महान खिलाड़ी के नाम अब इतने विश्व रिकार्ड दर्ज हो चुके हैं कि अब एक तरह से वे क्रिकेट का मिथक बन गए हैं। आस्ट्रेलिया के सार्वकालिक क्रिकेटर सर डॉन ब्रेडमैन के बाद दूसरे नंबर पर सिर्फ सचिन का नाम लिया जाता था। लेकिन ग्वालियर वनडे में दोहरे शतक का विश्व कीर्तिमान स्थापित करने के बाद तो पूरी दुनियाभर के दिग्गज क्रिकेटर व क्रिकेटप्रेमी मानने लगे हैं कि अब सचिन अपने आदर्श डॉन ब्रेडमैन से कहीं कोसों आगे निकल गए हैं और वे निर्विवाद सार्वकालिक क्रिकेटर हो गए हैं। 36 की उम्र में जब खिलाड़ी रिटायर होकर घर बैठ जाते हैं तब सचिन के खेल में और भी निखार आना किसी चमत्कार से कम नहीं है। उनका आत्मविश्वास और क्रिकेट के प्रति जूनून काबिल-ए-तारीफ है। शायद इसी गुण ने उनको क्रिकेट का भगवान बना दिया